जो जितें है खुद के लिए
उसे जिना नही कहते
जो मरते है खुद के लिए
असे मरणा नही कहते ||
खुद के स्वार्थ के लिए
किसीं मासुम को निशाना
बनाकर मार डालते है उसे
इंसान नाही जानवर कहते है ||
जितनेवाला सिकंदर होता है
हारानेवाला तो बलंदार होता है
लेकीन कोशीश कारनेपर, हारनेवाला भी
एक दिन सिकंदर कहलाता है ||
दुसरों का दुःख पिता है जो
औरों का दर्द सहकर
जो खुद को धन्य मानता हो उसे
इंसान नही भगवान कहते है ||
कवयित्री - कावेरी डफळ
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