Tuesday 4 February 2020

एकांत

एक बाकी एकाकी
एक अंत एकांत
एक अड़के एकात
एक एकटया जगात
एक खिड़की एक तारा
एक चाहुल एक वारा
एक नजर एक वाट
एक एकटा एकटाच

कवी - वि.वा. शिरवाडकर (कुसुमाग्रज)




No comments:

Post a Comment