नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ
बोलो मेरे संग
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद
रस्ते में चलूंगा न डर-डर के
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के
मंज़िल से पहले ना लूंगा कहीं दम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
दाहिने-बाए, दाहिने-बाए, थम
नन्हा मुन्ना राही ...
धूप में पसीना मैं बहाऊंगा जहाँ
हरे-हरे खेत लहरायेंगे वहाँ
धरती पे फ़ाके न पायेंगे जनम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
नया है ज़माना मेरी नई है डगर
देश को बनाउंगा मशीनों का नगर
भारत किसी से रहेगा नहीं कम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
बड़ा हो के देश का सहारा बनूंगा
दुनिया की आँखों का तारा बनूंगा
रखूँगा ऊँचा तिरंगा परचम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
शांति की नगरी है मेरा ये वतन
सबको सिखाऊंगा मैं प्यार का चलन
दुनिया में गिरने न दूंगा कहीं बम
आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम
गीतकार : शकिल बदायुनी