जबसे प्यार हुआ है तुमसे
हाल ए दिल कुछ ऐसा है
हम न रहे अब हमारें
खुद मे ही मशगुल रहते है
कई अरसोंसे राह तकी थी
बस प्यार का ही खुमार छाया है
मांगा था तुम्हे खुदा से, अब
बडी शिद्दत से तुम्हे पाया है
दिल बनके नादान परिंदा
चारो ओर झुमे जा रहा है
तुम्हारी सांसो मे घुलनेके
पागल सपने सजा रहा है
बनके तुम खुशबू इत्र की
रोम रोम मेहका रहे हो
भूलाके सारी दुनिया को
मेरे रुबरू अब हो रहे हो
लौट आओ जान ए बहार
आँखो मे बस तेरा इंतजार है
एकदुसरे में खोने के लिए
अब दिल ए बेकारार है
तकदिर है हमारी जो
तुम पास हमारे हो
एक तेरे प्यार के सिवा
रुह भी हमारी ना हो
कवयित्री - कावेरी डफळ