तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई शब्द, शेर या अशआर
बयां नहीं कर सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी छूकर
उसे मेहसूस नहीं कर सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई समाज, जाती या धरम
उसे उधेड़ नहीं सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी प्यार से देखेगा
उससे प्यार किए बिना नहीं रह सकता।
- धनंजय चौधरी
जो
कोई शब्द, शेर या अशआर
बयां नहीं कर सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी छूकर
उसे मेहसूस नहीं कर सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई समाज, जाती या धरम
उसे उधेड़ नहीं सकता।
तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी प्यार से देखेगा
उससे प्यार किए बिना नहीं रह सकता।
- धनंजय चौधरी
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