सुना है लोग हारने के बाद
हमेशा अपने नसीब को कोसते है।
लेकिन जीतनेवाले कभी नसीब को
श्रेय क्यों नही देते!?!
सुना है लोग सोशल मीडिया पे
बोहत खुश दिखते है।
लेकिन असल जिंदगी में
ऐसा क्यों नहीं लगते!?!
सुना है लोग आज बोहोत
ज़्यादा जागृत हो गए हैं।
लेकिन मतदान करनेवालों के आंकड़े
(यह) बयां क्यों नहीं करते!?!
- धनंजय चौधरी
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