यह वादा रहा मेरा खुदसे कि
ना कोसूंगा में नसीब को
ना रोतलू बनूंगा और
ना ही रोकूंगा अपने प्रयास को।
यह वादा रहा मेरा आपसे कि
ना दुखाऊंगा में बातों से
ना तुम्हें रोने दूंगा और
ना ही टोकूंगा आपके सपनों को।
यह वादा रहा मेरा दोनोसे की
ना हम हारेंगे समाज से
ना साथ छोडूंगा और
ना ही भूलूंगा हमारे वादोंको।
- धनंजय चौधरी
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