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Thursday, 28 March 2019

दिल तो चाहता है..

दिल तो चाहता है...
बचपन फ़िर एक बार मिल जाए
किन्तु… डर लगता है कि
गणित की परिक्षा फ़िर न आजाए!?!

दिल तो चाहता है…
आसमान में खुले पंख उड़ा जाए
किन्तु... डर लगता है कि
बारिश की बुँदे देख नाच न कर पाए!?!

दिल तो चाहता है…
लॉटरी कोई एक बार लग जाए
किन्तु.. डर लगता है कि
मेहनत की कमाई फ़िर कभी न हँसाए!?!

दिल तो चाहता है…
बड़ी कोई कार खरीद ली जाए
किन्तु... डर लगता है कि
पार्किंग की कमी से कही चोरी न होजाए!?!

दिल तो चाहता है...
हमे भी कोई दिल से चाहे
किन्तु… डर लगता है कि
दिल की चाहत फ़िर दिल को न रुलाए!?!

- धनंजय चौधरी




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