KS Links

Thursday, 9 May 2019

तुझ्या विना..

तुझ्या विना..
बघ जमीन भेगाळली
अश्रुधारा विना..
बघ पाणीच नाही।


तुझ्या विना…
दूर देशी वणवण होई
दोन चार भांड्याविना
जगायला ‘नीर’ मिळत नाही।


तुझ्या विना..
‘वरुणा’ करुणाकरा
बघ तलखली
शेतकऱ्याची झाली।


तुझ्या विना..
जगणे धूसर झाले
जणू चांदणी विना
प्रभा निस्तेज झाली।



तुझ्या विना..
होई लाही लाही जीवांची
बरस तू ‘अंबुराज’
होऊदे गर्जना दाही दिशांना ही।

 - धनंजय चौधरी




Thursday, 2 May 2019

तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…

तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई शब्द, शेर या अशआर
बयां नहीं कर सकता।

तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी छूकर
उसे मेहसूस नहीं कर सकता।

तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई समाज, जाती या धरम
उसे उधेड़ नहीं सकता।

तेरी तस्वीर में वह रंग भरा है मैंने…
जो
कोई भी प्यार से देखेगा
उससे प्यार किए बिना नहीं रह सकता।

 - धनंजय चौधरी